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(कोविड-19 वायरस) लक्ष्ण और रोकथाम के उपाय

 कोविड-19 वायरस, अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है. संक्रमित हुए ज़्यादातर लोगों को थोड़े से लेकर मध्यम लक्षण तक की बीमारी होती है और वे अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक हो जाते हैं.


आम लक्षण:

बुखार
सूखी खांसी
थकान

कम पाए जाने वाले लक्ष्ण:

खुजली और दर्द
गले में खराश
दस्त
आँख आना
सरदर्द
स्वाद और गंध न पता चलना
त्वचा पर चकत्ते आना या हाथ या पैर की उंगलियों का रंग बदल जाना

गंभीर लक्ष्ण:

सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना
सीने में दर्द या दबाव
बोलने या चलने-फिरने में असमर्थ

गंभीर लक्ष्ण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें. अपने डॉक्टर के पास या अस्पताल में जाने से पहले हमेशा फ़ोन करके जाएं.

जो लोग स्वस्थ्य हैं और उन्हें वायरस के थोड़े-बहुत लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उन्हें घर पर ही रहना चाहिए.

वायरस से संक्रमित होने के बाद, इसके लक्षण दिखाई देने में आम तौर पर 5–6 दिन लगते हैं. हालांकि, कुछ मामलों में लक्षण दिखने में 14 दिन भी लग सकते हैं.


प्रसार को रोकना
आपके साथ शुरू होता है
मास्क पहनें.
अच्छे से हाथ धोएं.
लोगों से सुरक्षित दूरी बनाकर रखें.
टीका लगवाएं.

तथ्यों की जानकारी रखकर और ज़रूरी सावधानियां अपनाकर, आप खुद को और अपने आस-पास के लोगों को सुरक्षित रख सकते हैं. स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई सलाह मानें.


कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए:

बार-बार हाथ धोएं. हाथ धोने के लिए, साबुन और पानी या एल्कोहल वाला हैंड रब इस्तेमाल करें.
अगर कोई खांस या छींक रहा है, तो उससे उचित दूरी बनाए रखें.
शारीरिक दूरी बनाना संभव न हो, तो मास्क लगाएं.
आंखें, नाक या मुंह को न छुएं.
खांसने या छींकने पर नाक और मुंह को कोहनी या टिश्यू पेपर से ढक लें.
अगर आप ठीक नहीं महसूस कर रहे हैं, तो घर पर रहें.
अगर आपको बुखार, खांसी है और सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर के पास जाएं.
आपको स्वस्थ्य सेवा देने वाली संस्था से पहले ही संपर्क कर लें, ताकि वह आपको बता दे कि इलाज के लिए कहां जाना चाहिए. यह आपको बचाता है और वायरस और अन्य संक्रमणों को फैलने से रोकता है.

मास्क

मास्क लगाने पर, मास्क लगाने वाले व्यक्ति से दूसरे लोगों में वायरस फैलने से रोकने में मदद मिलती है. सिर्फ़ मास्क लगाकर कोविड-19 से नहीं बचा जा सकता. हमें साथ में शारीरिक दूरी बनाए रखनी होगी और हाथों को साफ रखना होगा. स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई सलाह मानें.


मानसिक बीमारी से उबरना
दयालु बनें


मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आम बात हैं. तनाव कम करने और स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं


रुकें. सांस लें. सोचें


कुछ धीमी सांसें लें: अपनी नाक से धीमी सांसें लें, फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें.


धीमी गति से सांस लेना तनाव को कम करने के सबसे बेहतर तरीकों में से एक है, क्योंकि यह आपके शरीर को आराम करने के लिए आपके मस्तिष्क को संकेत देता है.


सही और गलत के फैसले के बिना बस इस बात पर ध्यान दें कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं और क्या सोच रहे हैं. उन विचारों या भावनाओं पर प्रतिक्रिया देने या प्रतिक्रिया करने के बजाय, उन्हें लिख लें और भुला दें.


लोगों से जुड़ें

आपको जिन लोगों पर भरोसा है उनसे बात करना भी मददगार साबित हो सकता है. अपने करीबी लोगों से नियमित तौर पर जुड़े रहें. उन्हें बताएं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं और अगर कोई बात आपको परेशान कर रही है, तो उसे भी उनसे शेयर करें.


स्वस्थ दिनचर्या बनाकर रखें

यह करें:

आप रोज़ जिस समय सोते हैं उसी समय सोएं और जब उठते हैं उसी समय उठें.
अपनी स्वच्छता पर ध्यान दें.
नियमित समय पर पौष्टिक खाना खाएं.
नियमित रूप से कसरत करें. बस 3-4 मिनट की हल्की-फुल्की शारीरिक कसरत से भी मदद मिल सकती है, जैसे कि चहलक़दमी या स्ट्रेचिंग.
काम करने और आराम करने का समय तय करें.
ऐसी चीज़ों के लिए समय निकालें जिन्हें करने में आपको मज़ा आता है.
ज़्यादा समय तक कंप्यूटर स्क्रीन को देखते हुए काम करने के दौरान नियमित रूप से ब्रेक लें.
यह न करें:

डर, बेचैनी, बोरियत और सामाजिक अकेलेपन से लड़ने के लिए शराब या नशीली दवाओं का इस्तेमाल न करें.


खुद/अन्य पर दया करें


ऐसे मुश्किल दिनों के दौरान जब आप बहुत ज़्यादा तनाव महसूस कर रहे हों, उस समय खुद से बहुत सारी अपेक्षाएं न रखें. यह बात मान लें कि कुछ दिनों के दौरान आपसे दूसरों की तुलना में ज़्यादा और कम काम हो सकता है.


ऐसे समाचार देखने, पढ़ने या सुनने में कमी लाने की कोशिश करें जिससे आपको बेचैनी या तनाव महसूस होता है. दिन में किसी तय समय पर भरोसेमंद स्रोतों से नई जानकारी लें.


दूसरों की मदद करना आपके लिए भी मददगार साबित हो सकता है. अगर आप कर सकते हों, तो आपके समाज में जिन लोगों को मदद की ज़रूरत हो सकती है, उनकी मदद करें.



ज़रूरत पर मदद लें


अगर ऐसा लगता है कि आपको किसी पेशेवर की मदद लेनी चाहिए, तो मदद लेने से बिल्कुल न हिचकिचाएं. अपने आस-पास मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के साथ मिलकर इस काम की शुरुआत की जा सकती है. हेल्प लाइन नंबरों से भी मदद ली जा सकती है.

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